भारत में पॉपुलर पेनकिलर कॉम्बिफ्लेम को सेफ्टी स्टैंडर्ड्स टेस्ट में फेल पाई गई है। हाल में ही सेंट्रल ड्रग स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन (सीडीएससीओ) की जांच में इस दवा के 4 बैच सेफ्टी स्टैंडर्ड्स पर फेल हो गए। इसके बाद दवा बनाने वाली कंपनी सनोफी (Sanofi) की लोकल ब्रांच ने मार्केट से दवाइयों की बड़ी खेप हटा ली है।
डिसइंटिग्रेशन टेस्ट (the process of coming to pieces) में फेल : -
ऑर्गनाइजेशन की डिसइंटिग्रेशन टेस्ट में ये दवाइयां फेल हुई हैं। - इस टेस्ट में देखा जाता है कि दवाइयां बॉडी के अंदर कितनी देरी में ब्रेकडाउन होती हैं। इसी समय में देरी देखी गई है। - सीडीएससीओ के मुताबिक, दवाइयों की बड़ी खेप सब स्टैंडर्ड क्वालिटी की पाई गई है।
इनके इस्तेमाल से मरीज को कई तरह के साइड इफेक्ट हो सकते हैं। - खासतौर से इनसे पेट में ब्लीडिंग हो सकती है। इसके अलावा लूज मोशन्स और गैस्ट्रो-इन्टेस्टाइनल की प्रॉब्लम हो सकती हैं। कंपनी ने दो बैच की दवाइयां हटाईं हैं |
सीडीएससीओ की जानकारी के बाद कंपनी ने जून और जुलाई 2015 बैच की दवाइयों को मार्केट से हटा लिया है। कंपनी ने इस बात की जानकारी भी दी है। कंपनी के मुताबिक दो और बैच की दवाइयां भी जल्द हटा ली जाएंगी।...
पैरासिटामॉल और आईबूप्रोफेन का कॉम्बिनेशन :-
कंपनी के 2015 की रिपोर्ट के मुताबिक, पैरासिटामाॅल इंडिया में सनोफी कंपनी के पांच बड़े ब्रांड में शामिल है और सबसे ज्यादा पॉपुलर पेनकिलर ब्रान्ड है।
यह पैरासिटामॉल और आईबूप्रोफेन का कॉम्बिनेशन है। जिन बैच की दवाइयों को हटाया गया है, वे जून 2015 और जुलाई 2015 की मेन्युफैक्चर्ड हैं और उनकी एक्सपायरी डेट मई 2018 और जून 2018 है।
हालांकि इस मसले पर सनोफी का कहना है कि हम डॉक्टर और मरीजों को भरोसा दिला सकते हैं कि हमारे प्रोडक्ट से किसी तरह का नुकसान नहीं होगा, हम स्टैंडर्ड्स काे ध्यान में रखकर ही प्रोडक्ट तैयार करते हैं।...
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